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अब लगाकर आग भी तुम हंसते हो, आस्तीन का सांप बन तु

अब लगाकर आग भी तुम हंसते हो, 
आस्तीन का सांप बन तुम डंसते हो..!
सपने देखने की अब कोई चाह नहीं, 
गले मिलकर क्यों गले को कसते हो..!!

©Raj Guru
  #आस्तीन_के_साँप