जिंदगी ये कहाँ हमको लेके आ गयी है, मौत भी मेरी हालत से शरमा गयी है..!! फासले खुद से खुद के यूँ बढ़ने लगे हैं, के चोट भी दूर जाने से घबरा गयी है..!! जो रास्ता था वो मुझसे बिछड़ने लगा है, और मंजिल भी मंजिल से टकरा गयी है..!! साथ जो भी रहा वो समझ ना सका, अब ये तन्हाई भी हमको तड़पा रही है..!! आशियाँ खुद के ख्वाबों से ही जल गया, औ' आग के साथ देखो हवा आ रही है..!! ये रात ऐसी है जिसका सवेरा नहीं, सच को आँखें मेरी क्यूँ ये झुठला रहीं हैं..!! भूलना जिसको चाहे है ये "मतवाला", साँस-दर-साँस वोही तो याद आ रही है..!! बड़े दिनों से लिखते लिखते आज पूरी हुई, बड़े दिनों बाद कोई ग़ज़ल लिखी है, वो भी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में.... #udquotes #जिंदगी #मौत #मंजिल #आशियाँ #याद #yqghazal