प्रकृति और मानवता का अनूठा संगम कुम्भ जो भारतीय संस्कृति का पोषक है। ब्रह्मा,विष्णु, शिव शक्ति का सुन्दर समन्वय, एकत्व होकर, हमारी प्राचीन सभ्यता को जाग्रतकर सदैव आत्म ऊर्जा का अनन्त प्रवाह बनकर समा जाता था हर प्राणी में। अफसोस आज इस महामिलन की वेला में भी सोशल डिस्टेन्सिग का पालन करना है, यह मनुष्य की विनाशक्ति का घातक दुष्परिणाम है जिसे सभी भुगत रहे हैं।। डॉ.ज्योत्स्ना सिंह ©Dr jyotsna singh Rajawat कुम्भ