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बहुत मसरूफ़ हो शायद तुम - "सेल्फी" लेने में, "स्ट

बहुत मसरूफ़ हो शायद तुम - 
"सेल्फी" लेने में, "स्टेटस-अपडेट" करने में, 
"कहाँ गए, क्या-क्या किया दिनभर" - 
सारे जहाँ को ये सब बताने में, 
शायद बहुत व्यस्त हो तुम - 
"लाइक्स" और "कमैंट्स" का हिसाब रखने में
के भूल गए हो किसीसे वाक़ई में बतियाना, 
छोटी छोटी खुशियों में वाक़ई मुस्कुराना, 
आए दिन दोस्तों को गले लगाना, 
अपने प्रियजनों से प्यार जताना! 

सिमटकर क्यों रह गए हो 
५.५ इंच के उस स्क्रीन पर? 
देखो तो सही इस प्यारी दुनियाँको 
एक दफ़ा अपनी नज़रें उठाकर, 
महसूस तो करो इन खुशियोंको 
पलभर के लिए 
अपनी मसरूफ़ियत से आज़ाद होकर! बहुत मसरूफ़ हो शायद तुम - 
"सेल्फी" लेने में, "स्टेटस-अपडेट" करने में, 
"कहाँ गए, क्या-क्या किया दिनभर" - 
सारे जहाँ को ये सब बताने में, 
शायद बहुत व्यस्त हो तुम - 
"लाइक्स" और "कमैंट्स" का हिसाब रखने में
के भूल गए हो किसीसे वाक़ई में बतियाना, 
छोटी छोटी खुशियों में वाक़ई मुस्कुराना,
बहुत मसरूफ़ हो शायद तुम - 
"सेल्फी" लेने में, "स्टेटस-अपडेट" करने में, 
"कहाँ गए, क्या-क्या किया दिनभर" - 
सारे जहाँ को ये सब बताने में, 
शायद बहुत व्यस्त हो तुम - 
"लाइक्स" और "कमैंट्स" का हिसाब रखने में
के भूल गए हो किसीसे वाक़ई में बतियाना, 
छोटी छोटी खुशियों में वाक़ई मुस्कुराना, 
आए दिन दोस्तों को गले लगाना, 
अपने प्रियजनों से प्यार जताना! 

सिमटकर क्यों रह गए हो 
५.५ इंच के उस स्क्रीन पर? 
देखो तो सही इस प्यारी दुनियाँको 
एक दफ़ा अपनी नज़रें उठाकर, 
महसूस तो करो इन खुशियोंको 
पलभर के लिए 
अपनी मसरूफ़ियत से आज़ाद होकर! बहुत मसरूफ़ हो शायद तुम - 
"सेल्फी" लेने में, "स्टेटस-अपडेट" करने में, 
"कहाँ गए, क्या-क्या किया दिनभर" - 
सारे जहाँ को ये सब बताने में, 
शायद बहुत व्यस्त हो तुम - 
"लाइक्स" और "कमैंट्स" का हिसाब रखने में
के भूल गए हो किसीसे वाक़ई में बतियाना, 
छोटी छोटी खुशियों में वाक़ई मुस्कुराना,
darshanblon1957

Darshan Blon

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