हम तुम्हें बहुत याद आएंगे एक दिन क्या गजब का रिश्ता था , एहसास दिलों का चेहरों पर दिखता था ! फिर क्या बात हुई होते हुए मेरे किसी गैर के मकान की तुम मुंडेर बन गई ! झूठी तसल्लियाँ ना दे मुझे अब जाने दे, हां मगर सुन हम बहुत याद आएंगे एक दिन! हम तुम्हें बहुत याद आएंगे एक दिन क्या गजब का रिश्ता था , एहसास दिलों का चेहरों