तो सुनो! के तड़प उठती थी तो जो मेरी एक आह की अंगड़ाई से, के तड़प उठती थी............. नही पड़ता उसे कोई भी फर्क मेरी चीख या दुहाई से। #गुमशुदा Supriya Pandey Gaurav Kukreti LoVe YoU # Bhavana Pandey My_Words✍✍