मैं तो क़ायम हूँ...... मैं तो क़ायम हूँ अपने वादे पर तुम भी अपने उसूल मत तोड़ो चाह रखते हो गर मुहब्बत की बाग़-बाड़ी के फूल मत तोड़ो बाग़-बाड़ी ➡फु़लवाड़ी