चोट लगे अविराम गिरे ,पद कंकड़ पत्थर टूटेंगे।पैरो मैं छाले पले बड़े ,एक रोज ज्वाल से फूटेंगे।जिसके अंदर भी गरल संभाले रखने की छमता होगी,वे निज छमता और गौरव के मुख ,मस्तक दिल लूटेंगे #मृदुल