एक तुम्हारे नाम पर रुक जाते हैं हर ख्वाब मेरी आंखों के, मैं हर रोज़ उन ख्वाबों की ताबीर ढूंढती हूं .. कब तक तलाशू तुमको ख्वाबों के भरोसे, मै अब किस्मत की रेखाओं में तुम्हारा नाम ढूंढती हूं.. तुम्हारी आंखों में मैं अपने लिए प्यार ढूंढती हूं, जो सुकून दे मुझे तुम्हारी बातों में वो अल्फाज ढूंढती हूं.. @शालिनी उपाध्याय ©Shalini Upadhyay #poetries