भजन ----- वृन्दावन मेरा मन तेरा मुरलीधर पग पग आ जाओ.. गोपी सब भगति भावों मेरे आकर महारास रचा जाओ.. जब बाजेगी मुरली मधुरम मैं सुध बुध खोता जाऊँगा तन मन निर्मल चितचोर मेरे कर तेरा होता जाऊँगा नैनों से बहे जो यमुनाजल तुम उसमें चरण धुला जाओ.. वृन्दावन मेरा मन तेरा मुरलीधर पग पग आ जाओ.. ©अज्ञात #श्रीकृष्णा