बयाँ कर पाते है जो दर्द ख़ुदका उन्हें भी अनदेखा कर देता है ये ज़माना उसी काफिर जमाने में रहते है कुछ फ़रिश्तें जो बेज़ुबाँ के भी दर्द का मरहम जानते है #Worldveterinaryday