#अख्ज़* तू बेशक ले जा उसे बस एक बात,याद रखना उसकी रूह का वो इत्र हमारी नब्ज़ ए निगार है। और सुन ,ए वक़्त एक बात कहनी है👇 तेरे जंजीर में वो जान नही जो उसकी ख़ुश्बू यहां मिटा सके तेरे कफ़स* में वो आब* नही जो उसकी हस्ती मिटा सके।। #इरफ़ान तू सच में #इऱफान* था। **************** *अख्ज़ -ले जाने वाला *कफ़स-पिंजरा *आब-चमक *इऱफान-जानकार, कृतज्ञता कुमार अमित मनु की कलम से🖋️🖋️🖋️