ओ गुजरेकल मिरे मुस्कुराहट सुनी क्या मैं जिंदा हूं फिर से उम्मीदों का प्याला सजा मेरी आहट में एक फरिश्तें की काया है निखरी बहत तंज जरे मुझपे खोमिशी के आज निगाहों को वो रंग ख़ुशी का दीद हुआ क्या , मैं हूं मुक्कमल इस जहान में मेरी कब्र कहीं नहीं एक नज़र इस हकीकत को पढ़ी क्या #मेरेएहसास #आप_से_ही_हम_हैं #मेरीमाँ #मेरी_कामयाबी #मेरी_जां लव यू कोमू 😘😘😘😘😘😘😘😘😘 टूटे विश्वाश को फिर से जोड़ एक अनोखा शख़्स मुझे बना दी