वक्त पर सब ज़हीर ज़ाहिर हो गये छोड़ हमें मझधार खुद साहिल हो गये सहेजता रहा जिन्हें मै कतरा-कतरा वो अश्क भी अब जरिफ़ से काहिर हो गये !! जरऱ व्यक्त करने को भी अब नहीं निकलती कोई फुगां शायद दर्द निहां रखने में मेरे जर्ब़ भी अब माहिर हो गये कभी किसी जमाने में हुआ करते थे हम शायर अब तो बस अल्फाजों की जुस्तजु में साहिर हो गये !! जहीर- अजीज, खास जरिफ- कोमल काहिर- कहर ढाने वाले जरर- शोक, व्यथा फुगां- दर्द भरी पुकार जर्ब़- घाव साहिर- जादूगर #yqbaba #yqdidi #love #shayari #surajaaftabi #zindagi #shayar #yqbhaijan