कल तक जो थे भृष्टाचार के आरोप लगाते एक दुसरे को थे गुनहगार ठहरातें, कैसा ये सत्ता का खेल निराला आज वहीं मिलकर सरकार बनाते सत्ता के खेल(लालच) में जनता को छोड़ पीछें धुर विरोधी भी मिल जाते देखो महाराष्ट्रा,देखे मेरा देश,देखे जनता सारी ये राजनीति का गन्दा खेल हर पापी एक नाव में,जनता को दिया धकेल। #महाराष्ट्रा #POLITICS