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किसी का रंग उसका रूप नहीं होता। दिल हो साफ़ तो वो

किसी का रंग उसका रूप नहीं होता।
दिल हो साफ़ तो वो बहरूप नहीं होता।।

दिल की बाज़ी लगाओ मगर ये याद रखो।
हर एक शख़्स इक्का ए तुरुप नहीं होता।।

आज भी कर रहा हूं इंतजार तेरा ए रोशनी।
यहां हर उजाला सुबह की धूप नहीं होता।।

मै तो भुला चुका हूं इश्क़ का हर एक दौर।
ना जाने क्यूं ये नादां दिल चुप नहीं होता।। #रंगरूप
किसी का रंग उसका रूप नहीं होता।
दिल हो साफ़ तो वो बहरूप नहीं होता।।

दिल की बाज़ी लगाओ मगर ये याद रखो।
हर एक शख़्स इक्का ए तुरुप नहीं होता।।

आज भी कर रहा हूं इंतजार तेरा ए रोशनी।
यहां हर उजाला सुबह की धूप नहीं होता।।

मै तो भुला चुका हूं इश्क़ का हर एक दौर।
ना जाने क्यूं ये नादां दिल चुप नहीं होता।। #रंगरूप
shivtomer2063

shiv tomer

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