किसी का रंग उसका रूप नहीं होता। दिल हो साफ़ तो वो बहरूप नहीं होता।। दिल की बाज़ी लगाओ मगर ये याद रखो। हर एक शख़्स इक्का ए तुरुप नहीं होता।। आज भी कर रहा हूं इंतजार तेरा ए रोशनी। यहां हर उजाला सुबह की धूप नहीं होता।। मै तो भुला चुका हूं इश्क़ का हर एक दौर। ना जाने क्यूं ये नादां दिल चुप नहीं होता।। #रंगरूप