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किसी से इतनी ज्यादा बातचीत ना करो कि वो इंसान कदर करना ही भूल जाए रिश्तों का मूल स्वरुप ही भूल जाए... कभी कभी लोग किसी के प्रति स्नेह और महत्व देने के भाव को उसकी कमजोरी मानने लगते हैं...अक्सर भावुक इंसान अपने भावों को टूटता देख मन ही मन यही सोचने को मजबूर होता हैं क्या ये वही इंसान था जो बीते कल में था मेरे साथ....तो किसी भी इंसान, वस्तु या स्थान से भावनाएं उतनी जोड़े जितना सामने वाला हक रखता हैं उतना भी भावनाओं को ना जोड़े की स्वयं को तकलीफ हो क्योंकि जिंदगी में किसीको पाने से ज्यादा खुद को थामे रखना जरुरी है🌸🖤
#brokenwindow#realityoflife#9March 8:48
#कविता