तेरे अक्स की परछाई में खुद को मिटा दू या खुद फना हो जाऊ गुनगुनी सी धूप में कश्ती सागर में और सिहरन भरी छाव मै लहरों में डूब जाऊ या धूप में तुझे निहारूं गुनगुनी सी धूप में वक़्त कम ओर अल्फ़ाज़ अनगिनत तेरे दरमियान में लिख दूं तुझे अलफजो में या कायल बना दूं अल्फाजों का तुझमें गुनगुनी सी धूप में ✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ गुनगुनी धूप में ज़िंदगी के रंगों को अपने शब्दों में क़ैद करें लोगों के क्रिया कलाप फूल-पौधों, तितलियों, पंछियों के रंग-ढंग कामगारों के जोश और उमंग #गुनगुनीधूप