राज़ बदलते हैं तख्तो ताज़ बदलते हैं, जो ना बदले ज़माने से हाफ़िज़ वो मेरे आज बदलते हैं, कभी शोहरत कभी देख मुफ़लिसी दुनियां के अंदाज़ बदलते हैं, परवाह करते है जो अंज़ाम की अक्सर उनके आगाज़ बदलते हैं, दस्तूर ए दुनियां को क्या गाएगा "अनिल" चेहरे देख यहाँ, साजिंदों के साज़ बदलते हैं.... #nojoto #राज़ #अंदाज़ #साज़ #ताज़ #अंदाज़ #अंज़ाम #दुनियां