देखो न कैसी अज़ीब है यह सच और झूठ की मोह-माया, क़ोई सच जान कर भी चुप रहा, क़ोई झूठ बोल कर भी नहीं पछताया किसी ने सच में घर गवांया, किसी ने झूठ का महल भी खूबसूरत सजाया किसी को रोटी का सच भाया, तो किसी ने झूठ थाली को हीरों से मढ़वाया देखो न "हिमांश" कैसी अज़ीब है सच और झूठ की माया..!!! Silence Is Best Policy.