आततायी, विध्वंसक अब बिखर रहा, सुख समतामय में भारत निखर रहा, अब बेबस नहीं अपना देश प्यारा; निशिदिन सशक्त प्रगति पथ संवर रहा ! सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा। अंतस्ताप, दुःख दर्द अब गुजर रहा, शुभ मंगल सुनहला भारत उभर रहा, अब विचलित नहीं यह देश प्यारा; निशिदिन प्रचंड महारत संवर रहा ! सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा। अर्थ पिपासु प्रवंचक थर-थर डर रहा सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा, अब विवश नहीं अपना देश प्यारा; शोभित गगन संग भारत संवर रहा ! सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा। शोषक, लुटेरा, डाकू सिहर रहा, झूठों का साम्राज्य घिर, गिर रहा, अब मजबूर नहीं यह देश प्यारा; घर आँगन, गाँव शहर सब संवर रहा। सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा। डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #Tiranga #IndependenceDay #Bharat #Flag #kaviananddadhich #India2024