आँसु की भी किस्मत होती है कोई नर्म हाथों से बहते आँसु को गालों पर ही पोछ लेता है। कोई आँसू किसी के सीने में अपनापन पाकर गुम हो जाती है। कोई आँसु किसी के मजबूत कंधे का सहारा पाकर रुक जाती हैं। आँसु बदनसीब भी होते हैं घर के किसी कोने में सुबककर बहते रहते हैं किन्ही के यादों में और फिर वो आँसु एक दिन आँखो के जिंदा होते हुए ही मर जाते हैं। ©सौरभ अश्क #आँसु #girl