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इंद्रजीत की शक्तियां जो उसने गुरु शुक्राचार्य की स

इंद्रजीत की शक्तियां जो उसने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से प्राप्त की आइए जानते हैं इंद्रजीत की शक्तियों के बारे में !! 🌸🌸

{Bolo Ji Radhey Radhey}

इंद्रजीत की शक्तियां :- 🎆 इंद्रजीत/ मेघनाथ रावण का सबसे बड़ा पुत्र था जो बचपन से ही अत्यंत शक्तिशाली था। रावण ने अपने पुत्र इंद्रजीत को अविजयी बनाने के लिए कई प्रकार के जतन किये थे। समय के साथ-साथ वह रावण से भी अधिक शक्तिवान होने लगा था। जब वह बड़ा हो गया तब उसने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव, विष्णु व ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए कई यज्ञ किये जिनका रावण को भी नही पता था। 

रावण पुत्र मेघनाथ की शक्तियां :- मेघनाथ ने मौन धारण कर किया अनुष्ठान :- 🎆 जब रावण को इस बात का पता चला तो वह अनुष्ठान वाली जगह पर पहुंचा व मेघनाथ से पूछा कि वह यह किस शक्ति को प्राप्त करने के लिए ऐसा कर रहा हैं। तब रावण के प्रश्नों का उत्तर गुरु शुक्राचार्य ने दिया क्योंकि इस पूरे अनुष्ठान में मेघनाथ को मौन धारण करना था। गुरु शुक्राचार्य के साथ मेघनाथ ने अपनी कुलदेवी निकुंबला को साक्षी मानकर कुल सात यज्ञो का अनुष्ठान किया था। यह सात यज्ञ थे अग्निष्ठोम, अश्व्मेथ, बहुस्वर्णक, राजसूय, गोहमेध तथा वैष्णव। यह सभी यज्ञ करना एक व्यक्ति के लिए अत्यंत कठिन था किंतु मेघनाथ ने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से इन सभी यज्ञो को पूर्ण किया व त्रिदेव को प्रसन्न करके उनसे अनेक वर व शक्तियां प्राप्त की।

मेघनाथ की शक्तियां :- 🎆 इन यज्ञों के भलीभांति पूर्ण होने के पश्चात भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने उसे दर्शन देकर इस यज्ञ के फलस्वरूप मिलने वाली कई शक्तियां प्रदान की। उसे मिले वरदानों में कुछ प्रमुख वर इस प्रकार थे:

तामसी रथ :- 🎆 यह रथ मेघनाथ की इच्छानुसार चल सकता था व आकाश में उड़ भी सकता था। इस रथ को पाने के बाद किसी भी युद्ध में उसकी तीव्रता अत्यधिक बढ़ गयी थी। वह इच्छानुसार अपने रथ को कभी आकाश तो कभी पृथ्वी पर ला सकता था। साथ ही किसी भी दिशा से शत्रु पर प्रहार कर सकने में भी वह सक्षम हो गया था।

अक्षय तरकश व दिव्य धनुष :- 🎆 मेघनाथ को दो तरकश भी मिले थे जिनमें कभी भी बाण समाप्त नही होते थे। साथ ही दिव्य धनुष प्राप्त हुआ था। इसकी सहायता से वह बिना थके शत्रु पर बाणों की बौछार कर सकता था।

ब्रह्मास्त्र :- 🎆 भगवान ब्रह्मा के द्वारा उसे उनके सबसे बड़े अस्त्र ब्रह्मास्त्र की भी प्राप्ति हुई थी जिसके द्वारा वह किसी भी शत्रु का उसकी सेना समेत समूल नाश कर सकता था। इसी अस्त्र का प्रयोग उन्होंने हनुमान पर किया था।

वैष्णव अस्त्र :- 🎆 भगवान विष्णु के सबसे बड़े अस्त्र वैष्णव अस्त्र की भी उसे प्राप्ति हुई थी जो अपने शत्रु को भेदकर ही वापस आता हैं। इसे नारायण अस्त्र भी कहते हैं।

पाशुपत अस्त्र :- 🎆 यह भगवान शिव का सबसे बड़ा अस्त्र हैं जिसे उन्होंने प्रसन होकर मेघनाथ को दे दिया था। यह शिव व काली का अस्त्र हैं व इससे हुए विनाश को फिर से ठीक नही किया जा सकता है।

🎆 इन सभी शक्तियों को प्राप्त करने के पश्चात वह रावण से भी अत्यधिक शक्तिशाली योद्धा बन चुका था। भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों के सबसे महान अस्त्र मेघनाथ के पास होने के कारण संपूर्ण विश्व में उससे अधिक शक्तिशाली कोई भी नही था।

ब्रह्मा का वरदान :- 🎆 इसके साथ ही उसे भगवान ब्रह्मा से एक वर भी प्राप्त हुआ था जिसे भगवान ब्रह्मा ने इंद्र देव को मेघनाथ के कारावास से मुक्त करवाने के लिए दिया था। उस वर के फलस्वरूप यदि मेघनाथ किसी भी युद्ध पर जाने से पहले अपनी कुलदेवी निकुंबला का यज्ञ कर ले तो उस युद्ध में उसे कोई भी नही परास्त कर सकता है।

©N S Yadav GoldMine
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इंद्रजीत की शक्तियां :- 🎆 इंद्रजीत/ मेघनाथ रावण का सबसे बड़ा पुत्र था जो बचपन से ही अत्यंत शक्तिशाली था। रावण ने अपने पुत्र इंद्रजीत को अविजयी बनाने के लिए कई प्रकार के जतन किये थे। समय के साथ-साथ वह रावण से भी अधिक शक्तिवान होने लगा था। जब वह बड़ा हो गया तब उसने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव, विष्णु व ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए कई यज्ञ किये जिनका रावण को भी नही पता था। 

रावण पुत्र मेघनाथ की शक्तियां :- मेघनाथ ने मौन धारण कर किया अनुष्ठान :- 🎆 जब रावण को इस बात का पता चला तो वह अनुष्ठान वाली जगह पर पहुंचा व मेघनाथ से पूछा कि वह यह किस शक्ति को प्राप्त करने के लिए ऐसा कर रहा हैं। तब रावण के प्रश्नों का उत्तर गुरु शुक्राचार्य ने दिया क्योंकि इस पूरे अनुष्ठान में मेघनाथ को मौन धारण करना था। गुरु शुक्राचार्य के साथ मेघनाथ ने अपनी कुलदेवी निकुंबला को साक्षी मानकर कुल सात यज्ञो का अनुष्ठान किया था। यह सात यज्ञ थे अग्निष्ठोम, अश्व्मेथ, बहुस्वर्णक, राजसूय, गोहमेध तथा वैष्णव। यह सभी यज्ञ करना एक व्यक्ति के लिए अत्यंत कठिन था किंतु मेघनाथ ने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से इन सभी यज्ञो को पूर्ण किया व त्रिदेव को प्रसन्न करके उनसे अनेक वर व शक्तियां प्राप्त की।

#Silence इंद्रजीत की शक्तियां जो उसने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से प्राप्त की आइए जानते हैं इंद्रजीत की शक्तियों के बारे में !! 🌸🌸 {Bolo Ji Radhey Radhey} इंद्रजीत की शक्तियां :- 🎆 इंद्रजीत/ मेघनाथ रावण का सबसे बड़ा पुत्र था जो बचपन से ही अत्यंत शक्तिशाली था। रावण ने अपने पुत्र इंद्रजीत को अविजयी बनाने के लिए कई प्रकार के जतन किये थे। समय के साथ-साथ वह रावण से भी अधिक शक्तिवान होने लगा था। जब वह बड़ा हो गया तब उसने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव, विष्णु व ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए कई यज्ञ किये जिनका रावण को भी नही पता था। रावण पुत्र मेघनाथ की शक्तियां :- मेघनाथ ने मौन धारण कर किया अनुष्ठान :- 🎆 जब रावण को इस बात का पता चला तो वह अनुष्ठान वाली जगह पर पहुंचा व मेघनाथ से पूछा कि वह यह किस शक्ति को प्राप्त करने के लिए ऐसा कर रहा हैं। तब रावण के प्रश्नों का उत्तर गुरु शुक्राचार्य ने दिया क्योंकि इस पूरे अनुष्ठान में मेघनाथ को मौन धारण करना था। गुरु शुक्राचार्य के साथ मेघनाथ ने अपनी कुलदेवी निकुंबला को साक्षी मानकर कुल सात यज्ञो का अनुष्ठान किया था। यह सात यज्ञ थे अग्निष्ठोम, अश्व्मेथ, बहुस्वर्णक, राजसूय, गोहमेध तथा वैष्णव। यह सभी यज्ञ करना एक व्यक्ति के लिए अत्यंत कठिन था किंतु मेघनाथ ने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से इन सभी यज्ञो को पूर्ण किया व त्रिदेव को प्रसन्न करके उनसे अनेक वर व शक्तियां प्राप्त की। #प्रेरक

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