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याद है, पहली बार माता के मंदिर में बुलाया था तुमन

याद है, 
पहली बार माता के मंदिर में बुलाया था तुमने।
 साथ में खाना खाया था हमने।
 याद है,
 किसी बहाने से घर आ जाओ बुलाया करती थी।
सबके सामने मुझे देखने के लिए पानी का गिलास लाया करती थी।
याद है,
 सहेली के घर का बहाना करके दीदी के साथ मिलने आया करती थी।
 खैर वो छोड़ो यह बताओ।
 उस नए सक्स से अकेले मिलने जाती हो क्या।
 मुझे सबके सामने गले लगाती थी,उसे भी लगाती हो क्या।
 मुझसे झूठी कसम खाती थी, अब उससे भी खाती हो क्या ।
खुद बेवफाई करके उससे मुझे बेवफा बताती हो क्या।

©Siddharth Chaturvedi #Silence #sad #Broken #shyari #SiddharthChaturvedi
याद है, 
पहली बार माता के मंदिर में बुलाया था तुमने।
 साथ में खाना खाया था हमने।
 याद है,
 किसी बहाने से घर आ जाओ बुलाया करती थी।
सबके सामने मुझे देखने के लिए पानी का गिलास लाया करती थी।
याद है,
 सहेली के घर का बहाना करके दीदी के साथ मिलने आया करती थी।
 खैर वो छोड़ो यह बताओ।
 उस नए सक्स से अकेले मिलने जाती हो क्या।
 मुझे सबके सामने गले लगाती थी,उसे भी लगाती हो क्या।
 मुझसे झूठी कसम खाती थी, अब उससे भी खाती हो क्या ।
खुद बेवफाई करके उससे मुझे बेवफा बताती हो क्या।

©Siddharth Chaturvedi #Silence #sad #Broken #shyari #SiddharthChaturvedi