मेरे शिक्षक कुम्भार के जैसे हल्के हाथों से घड़े का मुझको रूप दिया , पाठ हमे जब याद नही था कान पकड़ कर मरोड़ दिया , राह दिखाई उजियारी की खुद बनकर मेरे दीपशिखा .. बिना अर्थ के इस जीवन को गुरु ने ही था संकल्प दिया ! (( "राहुल" )) #MereShikshak कुम्भार के जैसे हल्के हाथों से घड़े का मुझको रूप दिया , पाठ हमे जब याद नही था कान पकड़ कर मरोड़ दिया , राह दिखाई उजियारी की खुद बनकर मेरे दीपशिखा .. बिना अर्थ के इस जीवन को