कोई ऐसा मंतर पाऊँ मैं ,तुझमें गहरे अंदर जाऊँ मैं, मन का मोती मेरे हाथ लगे, कर पार समंदर आऊँ मैं, कुछ ऐसा प्रबन्धन हो जाए, तेरे मन का मंथन हो जाए, मंथन का निकला विष पीकर ,शिव शंकर हो जाऊँ मैं.... #Nojoto, #Shayar_Sharif, #Shayari, #Koi_Esa_Mantar....