कल, रात की पोटली में, मुठ्ठी भर निंदिया भरकर, आँखों के कोरों पर, सपने सजाती, एक दुआ, कल, सावन की, बरसी पहली फुहार, नदिया के आँचल से, लिपटकर, सहला गयी, आशीष से, माथे को मेरे, कल, रात की पोटली में, मुठ्ठी भर निंदिया भरकर, आँखों के कोरों पर, सपने सजाती, एक दुआ, कल,