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मेरे अपने मुझको कभी समझ नहीं सके, रिश्तों में अहसा

मेरे अपने मुझको कभी समझ नहीं सके,
रिश्तों में अहसास फिर पनप नहीं सके,
एक घर के अंदर भले हम संग-संग रहे,
मगर दिल की दूरियां सिमट नहीं सके.

©ASHISH KUMAR YADAV ज़ख्मी दिल
मेरे अपने मुझको कभी समझ नहीं सके,
रिश्तों में अहसास फिर पनप नहीं सके,
एक घर के अंदर भले हम संग-संग रहे,
मगर दिल की दूरियां सिमट नहीं सके.

©ASHISH KUMAR YADAV ज़ख्मी दिल