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" चलो कुछ बात महसूस कि जाये , शरबते शाम की नुमाइंद

" चलो कुछ बात महसूस कि जाये ,
शरबते शाम की नुमाइंदगी की जाये ,
मेरे जस तु रहे इस तरह कि कोई जुस्तजू ,
मेरे हसरतों को कोई तेरी रुबाई न मिले तेरे बिना ."

                      --- रबिन्द्र राम

  " चलो कुछ बात महसूस कि जाये ,
शरबते शाम की नुमाइंदगी की जाये ,
मेरे जस तु रहे इस तरह कि कोई जुस्तजू ,
मेरे हसरतों को कोई तेरी रुबाई न मिले तेरे बिना ."

                      --- रबिन्द्र राम

 #महसूस
" चलो कुछ बात महसूस कि जाये ,
शरबते शाम की नुमाइंदगी की जाये ,
मेरे जस तु रहे इस तरह कि कोई जुस्तजू ,
मेरे हसरतों को कोई तेरी रुबाई न मिले तेरे बिना ."

                      --- रबिन्द्र राम

  " चलो कुछ बात महसूस कि जाये ,
शरबते शाम की नुमाइंदगी की जाये ,
मेरे जस तु रहे इस तरह कि कोई जुस्तजू ,
मेरे हसरतों को कोई तेरी रुबाई न मिले तेरे बिना ."

                      --- रबिन्द्र राम

 #महसूस