#DearZindagi #DearZindagi हाँथ से फिसलती रेत, किताबों में रखा ग़ुलाब कभी दर्द हो तुम कभी जागती आँखों का ख्वाब कभी आहट हो तुम कभी मोहब्बत बेहिसाब डियर ज़िन्दगी कौन हो तुम ? #DearZindagi #KumarAshok #kavikumarashok #jrkumar #poetofvaranasi