मां ने देखी जेब नहीं। पत्नी ने देखे केयर नहीं।। भाई तो संगी साथी था । बहन ने देखा थैला था।। पापा के सवालों का भी मेला था ।।। कितनी छुट्टी लाया है? इतना लेट क्यों आया है? दादी के लिए सोल था। दादा के लिए विस्की का झोल था ।। ऐसा घर में आया जब मैं,घर का माहौल था।।। ©fateh singh sodha #घर #परिवार #मां