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आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में

आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता

जब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में घुल जाए कोई राही
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता

हंस हंस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे़
हर शख़्स की क़िस्मत में ईनाम नहीं होता

बहते हुए आंसू ने आंखों से कहा थम कर
जो मय से पिघल जाए वो जाम नहीं होता

दिन डूबे हैं या डूबे बारात लिये कश्ती
साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता I 
                    
                         - Meena kumari

 #मीना कुमारी...
कमाल की अदाकारा थी । मुझे याद है जब मै उनको पहली बार फिल्म "एक ही रास्ता" मे देखी तो मै उनकी अदायगी की कायल हो गई थी । मुझे उनका नाम तो नही पता था पर जेहन में उनकी खुबसूरती रच बस गई थी। 
आज मै उनकी लगभग सभी फिल्में देख चुकी हूँ और हर फिल्म में उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आई है ।
मुझे उनको और जानने की दिलचस्पी बढ़ती ही गई और साथ ही साथ उनकी शायरी की दिवानी होती गई । 
सबको पता है की मीना कुमारी एक अदाकारा तो थी ही वो एक बेहतरीन शायरा भी थी।
आज मै उनकी ही लिखी हुई शायरी post कर रही हू
आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता

जब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में घुल जाए कोई राही
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता

हंस हंस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकडे़
हर शख़्स की क़िस्मत में ईनाम नहीं होता

बहते हुए आंसू ने आंखों से कहा थम कर
जो मय से पिघल जाए वो जाम नहीं होता

दिन डूबे हैं या डूबे बारात लिये कश्ती
साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता I 
                    
                         - Meena kumari

 #मीना कुमारी...
कमाल की अदाकारा थी । मुझे याद है जब मै उनको पहली बार फिल्म "एक ही रास्ता" मे देखी तो मै उनकी अदायगी की कायल हो गई थी । मुझे उनका नाम तो नही पता था पर जेहन में उनकी खुबसूरती रच बस गई थी। 
आज मै उनकी लगभग सभी फिल्में देख चुकी हूँ और हर फिल्म में उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आई है ।
मुझे उनको और जानने की दिलचस्पी बढ़ती ही गई और साथ ही साथ उनकी शायरी की दिवानी होती गई । 
सबको पता है की मीना कुमारी एक अदाकारा तो थी ही वो एक बेहतरीन शायरा भी थी।
आज मै उनकी ही लिखी हुई शायरी post कर रही हू