गाँधी जी ने कहा था कि "अगर पाकिस्तान बना तो वो उनकी लाश पर बनेगा." मगर साहब मैने तो सुना है 10 लाख लोग मारे गए और गांधीजी तब भी मौन थे.. अगर उस जगह गांधीजी ने नेहरू और पटेल मे से पटेल को चुना होता, तो ना कश्मीर की समस्या होती और ना पाकिस्तान होता.. आज तक हमे नहीं बताया गया कि जब गांधीजी क्यु मौन रहे जब ये देश बटा. -क्यु नहीं बताया कि मालवीय जी की भगत सिंह की फांसी रुकवाने के लिए दी गयी mercy petition पर गांधीजी ने हस्ताक्षर क्यु नहीं किए. -क्यू गांधीजी की मौत के बाद लाखो ब्राह्मणों को महाराष्ट्र मे मारा गया.... -क्यू नहीं बताते कि शेखर 27 फरवरी को नेहरू से भगत सिंह की फांसी रुकवाने के लिए मुलाकात कर निकले तो वो कौनसा बड़ा नेता था जिसने अंग्रेजो को बताया कि आजाद इलाहबाद मे है. बहुत सारे राज है..... मैं गांधीजी के पुण्य विचारो को मानता हू मगर इनकी वजह से मैं उन इंक़लाब के दीवानों, लाखो हत्याओं को नहीं भूल सकता जो गांधीजी रुकवा सकते थे.... #sach