इस बात से अब भी बेखबर हूं की क्या वजह थी मिलने की वजह तो तुम्हारे साथ ही हो गई रुकसत साहिबा मुस्कुरा देते है जब कभी ख्याल आते है तुम्हारे इस बात से की क्या खूबसूरत वो वाकिया था कितना खूबसूरत वो वाकिया था !