नये संबंधों का पाकर सहचर यत्नयुक्त प्रयास फिर से नये सिरे से उसी जमीन पर जीवन-पौध अब चकत्तों में उभर फफूंद-सा, का विस्तार, सब ओर निस्सार! फैलता संबंधों में, चहुंओर फिर वही विकार डस्टबिन के कचरों-सा... #अभिव्यक्ति_का_डस्टबिन @manas_pratyay ©river_of_thoughts #अभिव्यक्ति_का_डस्टबिन © Ratan Kumar