ओ रंगभीनी...ओ मंदाकिनी, राज़दार बन मेरी जिंदगी की, दिला दे निजात मुझे म़शक्कत से, भर जाए जिंदगी में भी शादमानी। आ हम दोनों साथ रह गढं जाए नहीं कहानी, एक था पगला सा... एक लड़की थी दीवानी, बहने देते हैं मौज ए जिंदगानी, बनती है तो बन जाए पल दो पल की कहानी। गर हो मुनासिब तो कयाम दिल के तूफानों को दे दे, हो जाऊं शाद मैं ............भूल जाऊं गम-ए-रवानी, आ तू भी थोड़ा जी भर के जी ले जिंदगी को, हो जा मस्त - मौला कर ले अपनी मनमानी। ♥️ Challenge-540 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।