हैरां हूँ जदीद दौर में ज़माने का अजब शौक़ देख के मुसाहिबों को सर पे बैठा हुनर को ठोकरों पे रखता है मतलब से उठाने फिर गिराने के कारोबार में उलझा इंसां बदल के रोज़ नए बुतों से ख़ुदा को हाशिये पे रखता है जदीद - modern मुसाहिब - usually a courtier , here the implied meaning is a flatterer हाशिये पे रखना - to push someone to the margin or simply said - to reduce somebody's importance , in this case of God !