ए बारीश मुझे अक्सर पुछती है तेरे बारे मे मैं बार बार कहती हु उसे तुम से तो मुलाकात हुई ही होगी ओ मुझ पे हंसकर जोर से मुझे भिगाता है मैं झुमती हुं ओ बरसता है मैं तरसती हुं, ओ है कि गरजता है ..! ©SUREKHA THORAT #तुआणिमी #rain