दूसरों के कांधो पर बंदूक न चलाया करो दूसरों के सहारे इतना मत फड़फडा़या करो पत्ते हो महज डाली के चंद मिनटों में मुरझा जाओगे इसलये हमसे न टकराया करो बेदम शायर आयुष कुमार गौतम की कलम से हमसे न टकराया करो