Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोच के जिसे मंजिल हम बढ़े थे जिस ओर वो तो मंजिल थी

सोच के जिसे मंजिल
हम बढ़े थे जिस ओर
वो तो मंजिल थी ही नहीं 
था सिर्फ एक मोड़
जहां से गुजर के
हमे जाना था दूसरी ओर!
24.10.20 🎀 मंज़िल की ओर 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-363) "बचपन की यादें" को जीतने के लिए "मंज़िल की ओर" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 

🎀 4 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 

🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।
सोच के जिसे मंजिल
हम बढ़े थे जिस ओर
वो तो मंजिल थी ही नहीं 
था सिर्फ एक मोड़
जहां से गुजर के
हमे जाना था दूसरी ओर!
24.10.20 🎀 मंज़िल की ओर 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-363) "बचपन की यादें" को जीतने के लिए "मंज़िल की ओर" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 

🎀 4 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 

🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।
rishik2937753934953

Rishi K

New Creator