जब कभी तेरी याद आती है, तेरी वो मस्तीयां जो मुझे बहुत सताती है, वो सब जो आँखों से कहीं ओझल हो जाती है तब, हाँ रो लेता हूँ मैं।। वो हर पुरानी यादें, वो हर एक मुलाकातें, जो मुझे तेरी याद दिलाती है, तब, हाँ रो लेता हूँ मैं।। जब भी कभी तुम मुझसे ख़फा हो जाती, जब तुम मेरे सामने आती, मेरी नज़र तुझसे नज़रें ना मिला पाती, तब, हाँ रो लेता हूँ मैं।। तुम्हारा मुझे मारना, और कभी-कभी प्यार से कमीना कह जाना, जब भी इन चीज़ों की कमी सी खल जाती है, तब, हाँ रो लेता हूँ मैं।। #love #हाँ_रो_लेता_हूँ_मैं #nojotopoetry