तेरी ही बस्ती के वो इंसान थे, वो हिन्दू थे ,मुसलमान थे। तुमने लगा ली आग अपनी ही बस्ती में, जहाँ तेरी दोस्ती और यादों के सामान थे। इस लगी आग को तो तुम बुझा लोगे, क्या एक-दूसरे से आंख मिला लोगे❓ तुम्हें फिक्र है तबरेज़ अन्सारी की, उसे फिक्र है अंकित पुजारी की। न हिन्दू न मुसलमान की, वो दोनों ही इन्सान थे,फिक्र करो इन्सान की। #StopDelhihinsa Mansi bansal🌸 pooja negi# Ritika suryavanshi