मर कर भी अमर हो जाते हैं जो देश पर जान लुटाते हैं ,जन जन की जान बचाने को खुद अपनी जान गवाते हैं ,उन वीर जवानों की जीवन गाथा मत भूलो तुम सब दिल से यारो, जो भारत माता के खातिर है आतुर मर मिट जाने को, तुम खुश हो अपने जीवन में उन सीमाओं के घेरे में ,उन सीमाओं की रक्षा खातिर मेरे देश के सैनिक खेल रहे, उन बड़े बड़े हथियारों से तोपों पर जान को रख देख विस्फोटों को सब झेल रहे ,जो तुम खुलकर हो घूम रहे मस्तानों के संग झूम रहे, बस याद रहे तुम सबको वो जो हम सब के खातिर है खेल रहे ,उन खुली हुई तलवारों से विस्फोटक हथियारों से, हैं उनके भी अरमान बड़े जो सीमाओं पर डटे रहे ,उनकी मां को जो तुम देखो अपनी ममता को मोल रही, उनके भी प्यारे बच्चे हैं जो प्यार को उनके तरसे हैं, उनकी भी प्यारी पत्नी है जो बिना कहे सब समझती है, एक पिता पुत्र की यादों को मन में लिए कुछ बोल रहा ,और याद रहे सीमाओं पर अपना सब कुछ है भूल रहे, इस देश की माटी के खातिर आतंकी से खेल रहे ,तुम भूल न जाना उन वीरों को, जो मर कर भी अमर हो जाते हैं Poetry tribute to my Indian soldiers (amarveer sainik)