मुझको अंधेरे में रखा , ये गलत तो नही कितनी चीजें गलत देखनी ना पड़ी सपने चलते रहे अब तक पलते रहे टूटी तिल भर भी ना सपनो की लड़ी चमकने का हुनर मुझको आता ही नही धूप में है दिया कब टिमटिमाता कहीं अंजान होना अभिशाप है कहाँ भला ये जहर तो है किंचित अमृत की जड़ी मुझको अँधेरे में रखा... #अंधेरेमेंरखा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi