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मेरे माथे पर साजन का प्रेम: कुछ इस तरह से सजता है

मेरे माथे पर साजन का प्रेम:
कुछ इस तरह से सजता है !
जैसे सुबह सुबह का सूरज :
अपनी प्रखरता से उगता है !
मेरे श्रृंगार का ये खास अंदाज:
उनके प्रेम की बानगी बनता है!
बिल्कुल उस रुपहले चाँद की तरह :
सुनहरा मेरा मांग टिक्का चमकता है!

©V. Aaraadhyaa
  #sajan
vaaradhya2245

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