तुम ख़ुशी के नग्मों में मिली , कभी सुबह की रौशनी में ढली , मेरी मंज़िल की राहें थी कभी अंधेरे दिल में शमा जलाने वाली , 👉🏻 प्रतियोगिता- 580 विषय 👉🏻 🌹"मंज़िल"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।