हम्म पति हमेशा हार जाते हैं वो हमेशा प्रेमी सी कॉपी शायरियाँ जो नही लिख पाते ये अलग बात है कि जिंदगी को कविताओं सा खूबसूरत बनाने में जो लगे रह जाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं... नहीं दे पाते बेपनाह बिफिज़ूली की बातें दुकानो और ऑफिसो में घिसते घिसते घर लौटतें हैं तो भूल जाते है कि तुम्हें हसाना भी था बीवी के लिये प्रेमी सी महफिल कहाँ सजा पाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं.... सैर सपाटे फिल्में देखने भी कहाँ अब जा पाते हैं थके इतने होते हैं कि वहां जा कर भी ग्र्र्र ग्र्र्र खराटे मारने लगते हैं तुम्हारा हाथ पकड़ रोमानी नही हो पाते है हम्म पति हमेशा हार जाते हैं..... साड़ी झुमके बिंदी मामूली से तोहफे भी नहीं दिलाते जो सेठानी सी सजी शादियों में इतराती हो उनके पैसे कमाने की रेस में बेचारे सिर्फ तुम्हारे ही नहीं खुद के शौक भी तो भूल जाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं .... कहाँ बची अब शाहरुख सी ज़ुल्फ़े सलमान सी बॉडी या आमिर से लतीफे जान से प्यारी बाइक बेच कर बरसात से बचाती वो पहली कार लाते ही, ये सब हीरोगिरी भी गिरवीं रख आते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं ... बीमारी में हर घन्टे हाल नहीं पूछते तुम्हारा तीमारदारी में सिरहाने बैठ सर पर हाथ नहीं फैरेते वो बेचारे बस शहर के बेस्ट डॉक्टर और बेस्ट हॉस्पिटल की फीस जुटाने में लगे रह जाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं ..... माँ पिता भाई के आगे तुम्हें नहीं पूछा तुम जीवन संगिनी हो और वो जीवन उनका कर्ज चुकाने में बस तुम्हारा साथ चाहते हैं माँ के लाड़ले, बीवी माँ की लड़ाई में पीसे जाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं ..... पैसा कमाना ही सब कुछ नहीं होता पर इस पैसे के चक्कर में वो कितने दरों ठोकरें खाते हैं ये वो पहिया है जो मर्ज़ी से चलाया रोका नहीं जाता उनके भी कितने अरमान इसमें पिस जाते हैं .... हम्म पति हमेशा हार जाते हैं ... हसी ठहाके को रूप के यौवन में दस मिलेंगें झुर्रियों में झुकी कमर तक सिर्फ यही साथ आयेंगें वो जो ना रहे तब देखना कितने सुख छिन जाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं .... ©Ankur Mishra हम्म पति हमेशा हार जाते हैं वो हमेशा प्रेमी सी कॉपी शायरियाँ जो नही लिख पाते ये अलग बात है कि जिंदगी को कविताओं सा खूबसूरत बनाने में जो लगे रह जाते हैं हम्म पति हमेशा हार जाते हैं... नहीं दे पाते बेपनाह बिफिज़ूली की बातें