था मोह नहीं उसे जीवन का रे मौत भी जिसकी दासी थी थी भूख उसे स्वराज्य की वह तो शत्रु के खून की प्यासी थी पूरा ब्रिटिश साम्राज्य भी मिलकर ना रोक सका जिस आंधी को......... गोरो के हाथ मरने से अच्छा स्वप्राण लेने कि वह अभिलाषी थी Jhansi ki rani Lakshmi bai #solace #रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि