जिन्दगी के उलझनों को थोड़ा सूलझाया जाए आइए कुछ पल गरीबों के साथ बिताया जाए अपने ज़ख्म के इलाज तो सब ढुंढते है आइए आज उनके जख्मों पर मरहम लगाया जाए अपनों के रंगों को तो वक्त दिखा गया आइए आज दुसरो के साथ मुस्कुराया जाए पाना-खोना, मिलना-बिछड़ना तो कुदरत का नियम है कम से कम चार कदम तो साथ निभाया जाए #happylife