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सुख मेरा कांच सा था.... न जाने कितनों को चुभ गया।

सुख मेरा कांच सा था....
न जाने कितनों को चुभ गया।

दुःख मेरा मोम सा था....
जाने कितनों को ले पिघल गया।

🍁🍁🍁

©Neel
  सुख और दुःख 🍁
archanasingh1688

Neel

Silver Star
Growing Creator

सुख और दुःख 🍁 #शायरी

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